Tuesday, May 31, 2022

स्वास्थ्य और समृद्धि शिक्षा में महत्व



बच्चों की शिक्षा की गुणवत्ता हमारे स्वास्थ्य पर निर्भर करती है। हमारे लिए अच्छी बात है  कि नई शिक्षा नीति 2020 के तहत स्वास्थ्य और समृद्धि के बारे में खुलकर चर्चा की गई है और इस विषय को मूलभूत शिक्षा का अभिन्न अंग माना गया है। बच्चों के स्वास्थ्य के ऊपर गहन अध्ययन करने की जरूरत है। शारीरिक स्वास्थ्य के साथ-साथ मानसिक स्वास्थ्य के ऊपर ध्यान देना बहुत आवश्यक है। शारीरिक स्वास्थ्य और मानसिक स्वास्थ्य एक दूसरे के साथ जुड़े हुए हैं। मानसिक स्वास्थ्य भावनात्मक व्यवहार के ऊपर निर्भर है। उदाहरण के लिए यदि भावनात्मक रूप से बच्चा कमजोर है तो मानसिक रूप से व्यथित रहेगा जिसका बुरा असर उसके शारीरिक स्वास्थ्य पर पड़ेगा।
 यदि इस विषय पर हम गहनता से विचार करें तो हम पाएंगे जब हम स्वास्थ्य के बारे में बात करें या बच्चों के स्वास्थ्य के प्रति चिंतित हो तो सबसे पहले हमें उनके भावनात्मक समृद्धि के बारे में सोचना होगा। छोटी छोटी बातें हमें ध्यान में रखनी होंगी जिससे बच्चे की भावना प्रभावित होती है क्योंकि भावों से ही बच्चा नाराजगी या खुशी का इजहार करता है और यही भाव उसे भावनात्मक स्वास्थ्य प्रदान करते हैं भावनात्मक स्वास्थ्य उसका मानसिक स्वास्थ्य तय करता है और मानसिक स्वास्थ्य उसका शारीरिक स्वास्थ्य तय करता है। 
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